- कच्चे मांस की गंध :- विस्र
- कमल के समान गहरा लाल रंग :- शोण
- काला पीला मिला रंग :- कपिश
- केंचुए की स्त्री :- शिली
- कुएँ की जगत :- वीनाह
- केवल वर्षा पर निर्भर :- बारानी
- कलम की कमाई खानेवाला :- मसिजीवी
- कुएँ के मेढ़क के समान संकीर्ण बुद्धिवाला :- कूपमंडुक
- काला पानी की सजा पाया कैदी :- दामुल कैदी
- किसी काम में दखल देना :- हस्तक्षेप
- कुसंगति के कारण चरित्र पर दोष :- कलंक
- कुछ खास शर्तों द्वारा कोई कार्य कराने का समझौता :- संविदा
- खाने से बचा हुआ जूठा भोजन :- उच्छिष्ट
- खाने योग्य पदार्थ :- खाद्य
- खाने की इच्छा :- बुभुक्षा
- खून से रँगा हुआ :- रक्तरंजित
- खेलना का मैदान :- क्रीड़ास्थल
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
- गिरा हुआ :- पतित
- गृह बसाकर स्थित रहने वाला :- गृहस्थ
- ग्राम का रहने वाला :- ग्रामीण
- गोद लिया हुआ पुत्र :- दत्तक पुत्र
- गोपों को घेरा बाँधकर नाचने की क्रिया :- रास
- गुरु के समीप रहने वाला विद्यार्थी :- अन्तेवासी
- गणित शास्त्र के जानकार :- गणितज्ञ
- गंगा का पुत्र :- गांगेय
- गृह घर बसा कर रहने वाला :- गृहस्थ
- गगन आकाश चूमने वाला :- गगनचुम्बी
- घास छीलने वाला :- घसियारा
- घास खाने वाला :- तृणभोजी
- घुलने योग्य पदार्थ :- घुलनशील
- घृणा करने योग्य :- घृणास्पद
- घर के सबसे ऊपर के खंड की कोठरी :- अटारी
- घर के सामने का मंच :- आलिन्द
- घूम – फिरकर सौदा बेचने वाला :- फेरीवाला
- चार वेदों को जानने वाला :- चतुर्वेदी
- चार राहों वाला :- चौराहा
- चेतन स्वरूप की माया :- चिद्विलास
- चूहे फँसाने का पिंजड़ा :- चूहेदानी
- चौथे दिन आने वाला ज्वर :- चौथिया
- चारों ओर की सीमा :- चौहदी
- चारों ओर जल से घिरा हुआ भू – भाग :- टापू
- चोरी छिपे चुंगी शुल्क आदि दिये बिना माल लाकर बेचने वाला :- तस्कर
- चौपायों के बाँधने का स्थान :- थान
- चार मुखों वाला :- चतुरानन
- चिंता में डूबा हुआ :- चिंतित
- चुनाव में अपना मत देने की क्रिया :- मतदान
- छिपे वेश में रहना :- छद्मवेश
- छात्रों के रहने का स्थान :- छात्रावास
- छः महीने के समय से सम्बन्धित :- छमाही
- छत में टाँगने का शीशे का कमल या गिलास, जिसमें मोमबत्तियाँ जलती हों :- फानूस
- छोटे कद का आदमी :- बौना
- छह कोने वाली आकृति :- षट्कोण
- छह – छह महीने पर होने वाला :- षाण्मासिक
- छूत से फैलने वाला रोग :- संक्रामक
- छाती का घाव :- उरक्षत
- छः मुँहों वाला :- षण्मुख/षडानन
- जो कभी न मरे :- अमर
- जो पढ़ा – लिखा न हो :- अपढ़, अनपढ़
- जो अक्षर पढ़ना-लिखना जानता है :- साक्षर
- जो दूसरों पर अत्याचार करें :- अत्याचारी
- जो दिखाई न दे :- अदृश्य
- जो कभी नष्ट न हो :- अनश्वर
- जो उच्च कुल में उत्पन्न हुआ हो :- कुलीन
- जो क्षमा के योग्य हो :- क्षम्य
- जो अधिक बोलता हो :- वाचाल
- जो सब जगह व्याप्त हो :- सर्वव्यापक
- जो देखने योग्य हो :- दर्शनीय
- जो कुछ न करता हो :- अकर्मण्य
- जो मान – सम्मान के योग्य हो :- माननीय
- जो नष्ट न होने वाला हो :- अविनाशी
- जो परिचित न हो :- अपरिचित
- जो स्थिर रहे :- स्थावर
- जो वन में घूमता हो :- वनचर
- जो इस लोक से बाहर की बात हो :- अलौकिक
- जो धन का दुरुपयोग करता है :- अपव्ययी
- जो कानून के विरुद्ध हो :- अवैध
- जो कानून के अनुसार हो :- वैध
- जो पहले न पढ़ा हो :- अपठित
- जो दो भाषाएँ जानता हो :- दुभाषिया
- जो धर्म का काम करे :- धर्मात्मा
- जो कठिनाई से प्राप्त हो :- दुर्लभ
- जो स्वयं पैदा हुआ हो :- स्वयंभू
- जो शरण में आया हो :- शरणागत
- जो बहुत समय कर ठहरे :- चिरस्थायी
- जो उदार न हो :- अनुदार
- जो चित्र बनाता हो :- चित्रकार
- जो आमिष मांस नहीं खाता :- निरामिष
- जो पहरा देता है :- प्रहरी
- जो कहा न जा सके :- अकथनीय
- जो गिना न जा सके :- अनगिणत
- जो जन्म से अंधा हो :- जन्मांध
- जो किये गये उपकारों को जानता या मानता है :- कृतज्ञ
- जो किये गये उपकारों को नहीं मानता है :- कृतघ्न
- जो टुकड़े – टुकड़े हो गया हो :- खंडित
- जो किसी की ओर से है :- प्रतिनिधि
- जो बहुत जानता है :- बहुज्ञ
- जो स्त्री कविता लिखती है :- कवयित्री
- जो पुरुष कविता रचता है :- कवि
- जो शत्रु की हत्या करता है :- शत्रुघ्न
- जो मांस का आहार करता है :- मांसाहारी
- जो शाक का आहार करता है :- शाकाहारी
- जो फल का आहार करता है :- फलाहारी
- जो विज्ञान जनता है :- वैज्ञानिक
- जो व्याकरण जानता है :- वैयाकरण
- जो लोक में संभव न हो :- अलौकिक