- जिसका हाथ बहुत तेज चलता हो :- क्षिप्रहस्त
- जिसका कोई शुल्क न लिया जाय :- निःशुल्क
- जिसका कोई भय न हो :- निर्भय
- जिसका दमन कठिन हो :- दुर्दम्य/दुर्दात
- जिसका कोई आश्रय न हो :- निराश्रय
- जिसका मूल नहीं है :- निर्मूल
- जिसका कोई अंग बेकार हो :- विकलांग
- जिसका कोई आकार हो :- साकार
- जिसका हृदय भग्न हो :- भग्नहृदय
- जिसका चिंतन किया जाना चाहिए :- चिंतनीय
- जिसकी चिकित्सा की जा सके :- चिकित्स्य
- जिसकी थाह न हो :- अथाह
- जिसकी सब जगह बदनामी :- कुख्यात
- जिसकी कोई उपमा न हो :- अनुपम
- जिसकी तीन भुजाएँ हो :- त्रिभुज
- जिसकी आयु बड़ी लम्बी हो :- दीर्घायु
- जिसको टाला न जा सके :- अनिवार्य, अटल
- जिसकी धर्म में निष्ठा हो :- धर्मनिष्ठ
- जिसकी पत्नी मर गई हो :- विधुर
- जिसका पति मर गया हो :- विधवा
- जिसकी बहुत अधिक चर्चा हो :- बहुचर्चित
- जिसकी चार भुजाएँ हों :- चतुर्भुज
- जिसकी चिन्ता नहीं हो सकती :- अचिन्त्य
- जिसकी अपेक्षा उम्मीद हो :- अपेक्षित
- जिसकी गहराई की थाह न लग सके :- अथाह
- जिसकी परिभाषा देना संभव न हो :- अपरिभाषित
- जिसकी आशा न की जाय :- अप्रत्याशित
- जिसका कोई हिस्सा टूटकर अलग हो गया हो :- खंडित
- जिसकी बुद्धि कुश के अग्र नोक की तरह तेज हो :- कुशाग्रबुद्धि
- जिसकी घोषणा की गयी हो :- घोषित
- जिसकी बाँहें जानु घुटने तक पहुँचती हो :- आजानुबाहु
- जिसकी बाँहें अधिक लंबी हो :- प्रलंबबाहु
- जिसकी उपमा न दी जा सके :- निरुपम
- जिसकी आत्मा महान हो :- महात्मा
- जिसकी भुजाएँ बड़ी हो :- महाबाहु
- जिसकी ग्रीवा सुन्दर हो :- सुग्रीव
- जिसकी बाहुएँ दीर्घ है :- दीर्घबाहु
- जिसकी सीमा न हो :- असीम
- जिसकी पत्नी साथ में न हो :- विपत्नीक
- जिसकी सूचना राजपत्र में दी गयी हो :- राजपत्रित
- जिसकी जीविका बुद्धि के बल पर चलती हो :- बुद्धिजीवी
- जिसने चित्त किसी विषय में दिया लगाया है :- दत्तचित
- जिसने ऋण चुका दिया हो :- उऋण
- जिसने गुरु से दीक्षा ली हो :- दीक्षित
- जिसने बहुत कुछ सुन रखा हो :- बहुश्रुत
- जिसने बहुत कुछ देखा हो :- बहुदर्शी
- जिसने प्रतिष्ठा प्राप्त की है :- लब्धप्रतिष्ठ
- जिसने मृत्यु को जीत लिया है :- मृत्युंजय
- जिसको प्राप्त करना बहुत कठिन हो :- दुर्लभ
- जिसको लाँघना कठिन हो :- दुर्लंघ्य
- जिसको रोकना या निवारण करना कठिन हो :- दुर्निवार
- जिसमे दया हो :- दयालु
- जिसमे धैर्य न हो :- अधीर
- जिसमे सहन शक्ति हो :- सहिष्णु
- जिसमे रस हो :- सरस
- जिसमे रस न हो :- नीरस
- जिसमे शक्ति न हो :- अशक्त
- जिसमें कुछ करने की क्षमता न हो :- अक्षम
- जिसमें सामर्थ्य नहीं है :- असमर्थ
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
- जिसमें ढाल हो :- ढालू/ढालवाँ
- जिसमें हानि या अनर्थ का भय न हो :- निरापद
- जिसमें पाँच कोने हों :- पंचकोण
- जिसमें प्रतिभा है :- प्रतिभा
- जिसमें जाना या समझना कठिन हो :- दुर्गम
- जिसमें मल गंदगी हो :- मलिन
- जिसमें किसी प्रकार का विकार हो :- विकृत
- जिसमें सात रंग हो :- सतरंगा
- जिसपर विश्र्वास किया गया है :- विश्र्वस्त
- जिससे घृणा की जाए :- घृणित
- जिस हँसी से अट्टालिका तक हिल जाय :- अट्टहास
- जिस पर विचार न किया गया हो :- अविचारित
- जिस पर आक्रमण न किया गया हो :- अनाक्रांत
- जिस पर मुकदमा चल रहा हो :- अभियुक्त
- जिस पर कोई नियंत्रण न हो :- अनियंत्रित
- जिसे अधिकार दिया गया हो :- अधिकृत
- जिस पर निर्णय न हुआ हो :- अनिर्णीत
- जिस पर अनुग्रह किया गया हो :- अनुग्रहीत
- जिस पर किसी अन्य को कुछ अधिकार न हो :- एकाधिकार
- जिस लड़की का विवाह न हुआ हो :- कुमारी
- जिस भूमि में कुछ पैदा न होता हो :- ऊसर
- जिस पर किसी काम का उत्तरदायित्व हो :- उत्तरदायी
- जिस पर चिह्न लगाया गया हो :- चिह्नित
- जिस पर विश्वास न किया जा सके :- अविश्वनीय
- जिस स्त्री का धव पति मर गया है :- विधवा
- जिस पर विश्वास न किया जा सके :- अविश्वनीय
- जिस भूमि पर कुछ न उग सके :- ऊसर
- जिस पर अभियोग लगाया गया हो :- अभियुक्त
- जिस पर उपकार किया गया हो :- उपकृत
- जिस पुरुष की स्त्री मर गयी है :- विधुर
- जिस स्त्री को कोई सन्तान न हो :- वन्ध्या, बाँझ
- जिस पर लम्बी – लम्बी धारियाँ हों :- धारीदार
- जिस समय बड़ी मुश्किल से भिक्षा मिलती है :- दुर्भिक्ष
- जिस पर दिनांक तारीख का अंक लगाया गया हो :- दिनांकित
- जिस पर किसी प्रकार का अंकुश नियंत्रण न हो :- निरंकुश
- जिस स्थान पर अभिनेता अपना वेश – विन्यास करते हैं :- नेपथ्य
- जिस स्थान पर बैठकर माल खरीदा और बेचा जाता हो :- फड़
- जिस कागज पर मानचित्र, विवरण या कोष्ठक अंकित हो :- फलक
- जिस पर विश्वास न किया जा सके :- विश्वासघाती
- जिस पर विश्वास किया गया है :- विश्वस्त
- जिस स्त्री का पति जीवित हो :- सधवा
- जिसे क्षमा न किया जा सके :- अक्षम्य
- जिसे दंड का भय न हो :- उदंड
- जिसे गुप्त रखा जाए :- गोपनीय
- जिसे दस आनन मुख हैं :- दशानन रावण
- जिसे बहुत कम ज्ञान हो, थोड़ा जानने वाला :- अल्पज
- जिसे दंड का भय न हो :- उदंड
- जिस भूमि पर कुछ न उग सके :- ऊसर
- जिसे भय नहीं है :- निर्भीक, निर्भय
- जिसे नहीं जीता जा सके :- अजेय
- जिसे या जिसका मूल नहीं है :- निर्मूल
- जिसे जानना चाहिए :- ज्ञातव्य
- जिसे भेदा तोड़ा न जा सके :- अभेद्य
- जिसे आश्वासन दिया गया हो :- आश्वस्त
- जिसे वाह्य जगत का ज्ञान न हो :- कुपमण्डूक
- जिसे त्याग देना उचित हो :- त्याज्य
- जिसे क्रय किया गया हो :- क्रीत
- जिसे समझना बहुत कठिन हो :- दुष्कर
- जिसे भेदना या तोड़ना कठिन हो :- दुर्भेद्य
- जिसे देश से निकाला गया हो :- निर्वासित
- जिसे कोई भ्रम या सन्देह न हो :- निर्भ्रन्त
- जिसे कोई आकांक्षा न हो :- निःस्पृह
- जिसे देख या सुनकर रोम रोंगटे खड़े हो जायें :- रोमांचकारी
- जिसे सरलता से पढ़ा जा सके :- सुपाठ्य
- जिसे सताया गया हो :- दलित
- जहाँ पहुँचा न जा सके :- अगम्य
- जहाँ पहुँचना कठिन हो :- दुर्गम
- जहाँ लोगों का मिलन हो :- सम्मेलन
- जहाँ नदियों का मिलन हो :- संगम
- जहाँ जाना संभव न हो :- अगम
- जहाँ तक सध सके :- यथासाध्य
- जहाँ खाना मुफ्त मिलता है :- सदाव्रत
- जहाँ गमन जाया न किया जा सके :- अगम्य
- जहाँ तक हो सके :- यथासंभव
- जहाँ तक सध सके :- यथासाध्य
- जहाँ औषधि दानस्वरूप मिलती है :- दातव्य, औषधालय
- जीने की इच्छा :- जिजीविषा
- जल में जन्म लेने वाला :- जलज
- जल में रहने वाले जीव – जन्तु :- जलचर
- जान से मारने की इच्छा :- जिघासा
- जीतने की इच्छा :- जिगीषा
- जोतने का काम :- जुताई
- जेठ का पुत्र :- जेठौत
- जनता द्वारा संचालित शासन :- जनतन्त्र
- जन्म से सौ वर्ष का समय :- जन्मशती
- जमी हुई गाढ़ी चीज की मोटी तह :- थक्का
- जल में लगने वाली आग :- बड़वाग्नि
- जैसा चाहिए वैसा :- यथोचित
- युद्ध की इच्छा रखने वाला :- युयुत्सा
- यथार्थ सच कहनेवाला :- यथार्थवादी
- जारी किया गया आधिकारिक आदेश :- अध्यादेश
- जुआ खेलने का स्थान :- फड़
- जनता में प्रचलित सुनी :- सुनाई बात :- किंवदंती
- जानने की इच्छा रखने वाला :- जिज्ञासु
- जनता द्वारा चलाया जाने वाला राज :- जनतंत्र
- जबरन नरक में धकेलना या बेगार :- आजू